Tuesday, July 23, 2024

Anil Upadhyaya's post in Association of... needs approval: "इस जीवन में सबसे बड़ा कर्जा होता है पितृ...

 
  Anil Upadhyaya 's post in Association of... needs approval: "इस जीवन में सबसे बड़ा कर्जा होता है पितृ ऋण । कल आशीष यादव से मिलकर मुझे अपने ग्रेट पापा का दर्द समझ में आया । 21 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान ही प्रेम विवाह हो जाना और उसके बाद अपने माता-पिता से दूर किराए के कमरे में दुकान खोलना । जय नारायण डिग्री कॉलेज छात्र संघ का महामंत्री एक रुपए लेकर वीडियो गेम खेलाता था । यह कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं थी मेरी । खुद सोचिए - अगर आप अपने माता-पिता की तारीफ के काबिल नहीं हैं तो ?? राम की पूरी कहानी का केन्द्र दशरथ जी ही हैं । 💕 आशीष भाई से मिल कर आत्मिक शक्ति दोगनी हो गई । धन्यवाद भाई ".       Anil Upadhyaya July 24 at 7:37 AM   इस जीवन में सबसे बड़ा कर्जा होता है पितृ ऋण । कल आशीष यादव से मिलकर मुझे अपने ग्रेट पापा का दर्द समझ में आया । 21 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान ही प्रेम विवाह हो जाना और उसके बाद अपने माता-पिता से दूर किराए के कमरे में दुकान खोलना । जय नारायण डिग्री कॉलेज छात्र संघ का महामंत्री एक रुपए लेकर वीडियो गेम खेलाता था । यह कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं थी मेरी । खुद सोचिए - अगर आप अपने माता-पिता की तारीफ के काबिल नहीं हैं तो ?? राम की पूरी कहानी का केन्द्र दशरथ जी ही हैं । 🙏🙏❤️💕 आशीष भाई से मिल कर आत्मिक शक्ति दोगनी हो गई । धन्यवाद भाई ❤️💞  
   
 
   
 
   
   
 
Anil Upadhyaya's post in Association of... needs approval: "इस जीवन में सबसे बड़ा कर्जा होता है पितृ ऋण । कल आशीष यादव से मिलकर मुझे अपने ग्रेट पापा का दर्द समझ में आया । 21 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान ही प्रेम विवाह हो जाना और उसके बाद अपने माता-पिता से दूर किराए के कमरे में दुकान खोलना । जय नारायण डिग्री कॉलेज छात्र संघ का महामंत्री एक रुपए लेकर वीडियो गेम खेलाता था । यह कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं थी मेरी । खुद सोचिए - अगर आप अपने माता-पिता की तारीफ के काबिल नहीं हैं तो ?? राम की पूरी कहानी का केन्द्र दशरथ जी ही हैं । 💕 आशीष भाई से मिल कर आत्मिक शक्ति दोगनी हो गई । धन्यवाद भाई ".
 
   
Anil Upadhyaya
July 24 at 7:37 AM
 
इस जीवन में सबसे बड़ा कर्जा होता है पितृ ऋण ।
कल आशीष यादव से मिलकर मुझे अपने ग्रेट पापा का दर्द समझ में आया ।
21 साल की उम्र में पढ़ाई के दौरान ही प्रेम विवाह हो जाना और उसके बाद अपने माता-पिता से दूर किराए के कमरे में दुकान खोलना ।
जय नारायण डिग्री कॉलेज छात्र संघ का महामंत्री एक रुपए लेकर वीडियो गेम खेलाता था ।
यह कोई बहुत बड़ी उपलब्धि नहीं थी मेरी ।
खुद सोचिए - अगर आप अपने माता-पिता की तारीफ
के काबिल नहीं हैं तो ??
राम की पूरी कहानी का केन्द्र दशरथ जी ही हैं ।
🙏🙏❤️💕
आशीष भाई से मिल कर आत्मिक शक्ति दोगनी
हो गई । धन्यवाद भाई ❤️💞
 
   
   
 
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